केन्द्रीय विद्यालय हल्द्वानी कैंटशिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन स्वायत्त निकायसीबीएसई स्कूल कोड: 84033 सीबीएसई संबद्धता संख्या: 3500020
- Thursday, March 28, 2024 12:00:41 IST
वर्तमान समय में अभिभावकों कि अत्यधिक महत्वाकांक्षा जीवनशैली में परिवर्तन, सामाजिक संरचना में परिवर्तन जैसे कई कारण है जो पाल्यों को बहुत अधिक प्रभावशाली है। पुराने समय में संयुक्त परिवार में छात्र किसी न किसी परिवार के सदस्यों की आँखों के सामने रहता था और उसकी पढ़ाई के विषय में सभी को पता लगता रहता था। लेकिन आज एकल परिवार में घर पर छात्र किस प्रकार का अध्ययन कर रहा है, किस प्रकार अपनी परिक्षाओं की तैयारी कर रहा है यह विदित नहीं हो पाता है और उसका मार्गदर्शन सही ढंग से नहीं हो पाता है। अतः ऐसी स्थिति में विद्यालय की बहुत अहम् भूमिका हो जाती है कि वह अपने छात्रों को आने वाली परीक्षाओं के लिए सही दिशा में तैयार करे।
परीक्षा पर चर्चा मंच से इन्ही छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रख कर छात्रों / अभिभावकों के संज्ञान में लाया जा रहा है कि वे किस प्रकार आने वाली परीक्षाओं के लिए और स्वयं को तैयार करे।
1. परिवार में खुशनुमा वातावरण तैयार करें और विद्यार्थी की परीक्षाओं तक सभी छोटे-बड़े विवाद और उलटने वाले कार्यों को दरकिनार कर दें।
2. छात्र की समयबनी तैयार करे और उस समयबानी में कुछ समय मनोरंजन के लिए भी रखे।
3. उगते हुये सूरज की सकारात्मक उर्जा का प्रयोग करें और पठन का कार्य प्रातः बेला में करें।
4. आज का विद्यार्थी लेखन के प्रति उदासीन है, उसकी लेखन क्षमता का विकास करे, उसे अपने शब्दों में लिखने के लिए प्रेरित करे और प्रयास करे कि वह अपने नोट्स स्वयं तैयार करे।
5. छात्रों को शुद्ध और स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराये जाने के बाद, उस परीक्षा अवधि में वह पूर्ण रूप से स्वस्थ रहे और उसकी दिनचर्या का पालन करता रहे।
6. हमारे सभी प्रयास करने पर भी छात्र के मन में भय, शंका जैसी नकारात्मक भावना प्रवेश कर जाती है जिसे बाहर निकालने का सबसे आसान उपाय यही है कि अपनी अभिरुचि में अपने को व्यस्त करें, संगीत पसंद है तो कुछ समय संगीत को दें। हल्के-फुल्के हास्य संस्करणों, टीवी शो इत्यादि से मन को भटकने से बचाये। कहानियाँ और कविताएँ पढ़ेंगे और मन को शांत करेंगे। किसी ग्रीन पार्क में थोड़ी देर टहल लें। ऐसे छोटे-छोटे उपाय करके हम अपने अवसाद को निश्चित रूप से कम कर सकते हैं।
मैं माननीय प्रधानमंत्री जी की ह्रदय से कृतज्ञ हूँ कि वे छात्रों के लिए एक ऐसा मंच प्रस्तुत कर रहें हैं जिससे प्रत्येक छात्र मन की बात साँझा कर सकता है।
सादर।
(कमला निखुर्पा)
प्राचार्या